Wednesday, December 19, 2012

सच्चे साधक धक्के खाते समृद्ध मौज उड़ाते हैं ---विजय राजबली माथुर


 (वीडियो साभार संजोग वाल्टर साहब )


हिंदुस्तान ,दिनांक 19 दिसंबर 2012,पृष्ठ 14 पर कामरेड अदम गोंडवी साहब के परिवार की आर्थिक स्थिति और उनके सुपुत्र को चपरासी की भी नौकरी न मिल पाने की कारुणिक व्यथा इस समाचार के माध्यम से प्राप्त हुई जो नितांत वेदनाकारक है।

उपरोक्त वीडियो संजोग वाल्टर साहब की फेसबुक वाल से प्राप्त हुआ है जिसमे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संभावित तीसरे मोर्चे की सरकार मे प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार मुलायम सिंह जी पुष्पांजली अर्पित कर रहे हैं।

पिछले दिनों कई रोग शय्या पर रहे या दिवंगत हुये हिन्दी के साहित्यकारों को सम्मानित व पुरस्कृत किया गया है जिनकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी रही है। अभी हाल ही मे दिल्ली जाकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी ने सरदार खुशवंत सिंह जी को शाल ओढा कर सम्मानित और पुरस्कृत किया है। खुशवंत जी के पिताजी पर शहीदे आजम सरदार भगत सिंह के विरुद्ध गवाही देने का भी आरोप है। वह मूलतः अङ्ग्रेज़ी भाषा के लेखक भी हैं। उनको किसी प्रकार की कमी भी नहीं है।

अखिलेश जी से इस लेख के माध्यम से आग्रह है कि वह व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करके दिवंगत साहित्यकार अदम गोंडवी साहब के सुपुत्र को लखनऊ बुला कर सचिवालय मे सरकारी नौकरी देकर उनके परिवार के लिए जीवन-यापन की व्यवस्था कराकर साहित्यकार समाज को उपकृत करें।
इस पोस्ट को यहाँ भी पढ़ा जा सकता है।

1 comment:

shalini kaushik said...

विजय जी आज आपकी पोस्ट से बहुत सी जानकारियां प्राप्त हुई देशके प्रबुद्ध साहित्यकारों का यहाँ यही हाल है और कोई इस लोक तंत्र में कुछ नहीं कर सकता .बहुत सही बात कही है आपने .सार्थक अभिव्यक्ति भारतीय भूमि के रत्न चौधरी चरण सिंह